तुम्ही ने कहा था रोज़ रोज़ एक ही बात अच्छी नहीं लगती सिवाय इबादत के, मैने भी पूजना नहीं छोड़ा है बरहम* वाह वाही छोड़ दी। हमने ठाहका लगाना छोड़ा था सभ्य होने के लिए तुमने क्यों मुस्कुराहटें छोड़ दी। *बिगाड़ना / उथलपुथल करना। For the sake of atiquete