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सम्बोधन - मेरी हिम्मत

सम्बोधन -
                        मेरी हिम्मत
                 (एक इंसान की ताकत)

अनुकर्णीय हैं-

असंभव कुछ नहीं साधक तुम सितारे तोड़ ला सकते; हथेली और पत्थर पर सुमन सुंदर खिला सकते।
तुम्हे आशीष का तोहफा मिला है ईश से ऐसा ;हृदय से चाह लो तो फिर धारा अम्बर मिला सकते।। #अजेय शर्मा
सम्बोधन -
                        मेरी हिम्मत
                 (एक इंसान की ताकत)

अनुकर्णीय हैं-

असंभव कुछ नहीं साधक तुम सितारे तोड़ ला सकते; हथेली और पत्थर पर सुमन सुंदर खिला सकते।
तुम्हे आशीष का तोहफा मिला है ईश से ऐसा ;हृदय से चाह लो तो फिर धारा अम्बर मिला सकते।। #अजेय शर्मा