वो मेरी लाख गलतियां माफ कर देती, मैं अभी भी उसके लिये नादान हूँ। वो मुझे आँचल में छिपा लेती अक्सर की मैं शायद इस दुनिया से अंजान हूँ। वो मेरी हर बलाओं का रुख मोड़ दिया करती, की मैं तो उसकी नन्ही सी जान हूँ। वो मेरी माथे की ज़रा सी सिकन को भांप लेती की क्यों मैं इतनी परेशान हूँ। वो अपनी हर इबादत में मेरी उम्र हज़ार मांगती की उसके खातिर मैं उसकी जान हूँ। वो लड़ जाती जमाने से मेरे खातिर की मैं उसका गुरुर और सम्मान हूँ। वो मेरी हर छोटी सफलताओं पे मुस्करा देती हर घड़ी मेरा हाथ पकड़ के आगे की राह दिखाती। #मदर्स_डे #mother #mothersday #maa #mumma #yqhindi #hindipoetry