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तुम क्यों हवा बनकर मुझे महसूस होते हो तुम क्यों म

तुम क्यों हवा बनकर मुझे महसूस होते हो 
तुम क्यों मुझे आवरण की तरह ओढ़ते नहीं 
तकदीर की लकीर को झूठा करार करके
तुम अपने आप से मुझे क्यों जोड़ते नही
!! कर्म गोरखपुरिया !!

©कर्म गोरखपुरिया
  #tereliye 
प्यार विषय है सम्मान का 
#karmgorakhpuriya 
#shyari #Poet  
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