*ज़ुल्मत की आंधी आ गई,गजवा उतार दे,या रब ,तेरे*जलाल का,जलवा उतार दे...//१
*अंधकार*क्रोध
तेरे हुकुम पे*लूत की उम्मत हुई फना,या रब्बे जुलजलाल,*जिबरील फरिश्ता उतार दे.//२
*नबी का नाम है*अल्लाह का खास फरिश्ता का नाम
हमने तुझे पुकारा है, ऐ रब्बे जुलजलाल,इंमाम*मेहंदी को जलवानुमा उतार दे//३*
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