कई ऐसी राखियां पड़ी हैं मेरे डिब्बो में जिनको मैने खरीदा और फिर रख लिया ,हा रख लिया अपने पास की सोचा उन्हें बाँधूँगी ,खुद के हाथों से उनकी कलाई पर ,पर मुम्किन नही हुआ ,,वो रहते नही मेरे पास राखी पर ,सोचती हूँ जब मिलूंगी तब बाँधूँगी फिर लगता है क्या जरूरी है?वैसे जो भी है मगर दिल की तमन्ना है ।उनकी मुस्कुराहट पर सब कुछ निसार है ,बहुत हल्का सा हस्ते है वो, मगर सबको नजर आती हैं ,नजरअंदाज भला कौन कर सकता है उन्हें।इस राखी भी मैने खरीदी हैं एक extra राखी ,हा उसे अभी डिब्बो में कैद नही किया हैं।।😊 happy rakshabandhan bhaiya mere bhaiya