Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब गुजरता हूँ शहर की गलियों से दुकान कि उधारी मुँह

जब गुजरता हूँ शहर की गलियों से दुकान कि उधारी मुँह ताकती है मेरा ,
कुछ दिनों की मोहलत ज़ेब पर हाथ रख चला जाता हूं वो समझ जाती है हाल मेरा "

©umesh saroj गोसाई की बाजार
जब गुजरता हूँ शहर की गलियों से दुकान कि उधारी मुँह ताकती है मेरा ,
कुछ दिनों की मोहलत ज़ेब पर हाथ रख चला जाता हूं वो समझ जाती है हाल मेरा "

©umesh saroj गोसाई की बाजार
umeshsaroj1065

writer umesh

Bronze Star
New Creator