प्रेम विवाह या अरेंज मैरिज प्रेम विवाह, यदि प्रेम के वशीभूत हो के किया जाए तो उससे अच्छा कुछ नही है.. परंतु आज का जो प्रेम चलन में है, वो प्रेम है ही ना, वो तो वासना है एक के लिए, और दुसरा उसमें खुशियों भरा सहारा ढूंढता है.. नतीज़ा अरेंज मैरिज से ज्यादा खतरनाक होता है क्यों कि वासना पूर्ति पश्चात् एक का दूसरे में कोई लगाव ना रहता है.. प्रेम विवाह या अरेंज मैरिज