कबीर दास जी ने कहा था कि : साईं इतना दीजिए, जामे कुटुम समाये। मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाये।। और आज की generation को देखते हुए मेरा कहना है कि : साईं इतना दीजिए, कि हम मुकेश अम्बानी बन जाएं।😝 साधु से मतलब न रहा, बस रोज पिज्जा-बर्गर खाएं।।😝 😝😝😝😝 वैसे ऐसी मेरी ख्वाहिश तो नहीं लेकिन आज की जनरेशन तो यही चाहती है ना😝😝😝 लोग सिर्फ सोशल-मीडिया पर गरीबों को खाना खिलाने की बात सिर्फ शेयर ही करते हैं, कुछ ही लोग हैं जो वाकई आगे आते होंगें वरना हम दुनियाँ वालों को अपनी ज़िंदगी में फुरसत ही कहाँ, आज पैसे कमाने और मोबाइल फ़ोन में इतना व्यस्त हो गएं हैं कि खुद ही खाना, खाना भूल गए हैं फिर गरीबों की बात तो दूर-दूर तक सामने ही नहीं आती। गरीबों को खाना खिलाना चाहिए सिर्फ ये पोस्ट करने से गरीबों का पेट नहीं भरेगा बल्कि गरीबों को खाना खिलाने के बाद पोस्ट करते हो तो आप उनका पेट भी भर देते हो और बाकी लोगों के लिए inspiration भी बनते हो, फिर ऐसी पोस्ट करके वो महान बनने की कोशिश नहीं करते हैं बल्कि happiness को शेयर करते हैं ताकि इस happiness का, गरीबों को खाना खिलाकर आप भी लुत्फ उठा सको।😍😍