जब कड़ी धूप मे लोग खड़े थे, आप छाँव बन कर आये, जब लोग अपनो से जुदाई का ग़म सेह रहे थे, आप मिलण की सावन बन कर आये, स्नेह और सद्भावना से भरपूर, आपने सबको छत दिलाया, भगवान का भेज हुआ , फरिश्ता सा क़ोई लगते हो आप, ईश्वर की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे, ऐसे ही सबकी परछाई बन कर रहना आप, येहि दूआ है मेरी और हम सबकी!! आपकी प्रशंषक अंजली sonu sood