ये वक़्त का खेल ही तो हैं जो हमे सब कुछ सिखा देता है, कभी ये हसा देता हैं ,तो कभी ये रुला देता हैं, यूँ ही नहीं हासिल हो जाता इस सफर में, सब कुछ कभी-कभी ये सीधे खड़े पेड़ को भी आसानी से गिरा देता है। ©Diksha Yadav #walkaloneReadme@Ankahiawaaz#dikshayadav#