वो माँ का दुलारा भी हैं बहनो को प्यारा भी हैं वो पिता का सहारा भी हैं पूरे परिवार को उसने संवारा भी हैं वो पति भी हैं, वो पिता भी हैं अपने खुशियों का कत्ल कर, परिवार के लिए जीता भी हैं जज़बातो को वो दबा लेता हैं आँसुओं को भी छुपा लेता हैं सारे दर्द खामोशी से सह लेता हैं दर्द में भी न जाने कैसे चुप रह लेता हैं पुरूष तु एक उलझा सा सवाल हैं ज़िंदगी के इस जंग में तु बेमिसाल हैं ।। Happy International Men's Day Be proud to be a man 😎 #internationalmensday #thinkoutloud #instawriters #nojotowriters #NikhilChaturvedani