Nojoto: Largest Storytelling Platform

निशप्रांन पड़े कुछ चहरो पे फिर आज ललिमा छाई है उठो

निशप्रांन पड़े कुछ चहरो पे फिर आज ललिमा छाई है
उठो पौरुष के पोशक की अब घर में मैथिली आयी है

प्यारी सी मुस्कान सजाए, प्रकृति का श्रिंगार सजाए
मुख मंडल पे तेज़ लिए और कांधो पे कई बोझ उठाए

पैरों में छन छन सी पायल, घर अंगना फिर गूंजेगी
पास की देहरी की कोई माता पाँव कन्या पूजेगी

निशप्रांन पड़े कुछ चहरो पे फिर आज ललिमा छाई है उठो पौरुष के पोशक की अब घर में मैथिली आयी है प्यारी सी मुस्कान सजाए, प्रकृति का श्रिंगार सजाए मुख मंडल पे तेज़ लिए और कांधो पे कई बोझ उठाए पैरों में छन छन सी पायल, घर अंगना फिर गूंजेगी पास की देहरी की कोई माता पाँव कन्या पूजेगी

Views