सुनो एक बात मैं सबको यहां अब बोलने आया,
दबा था राज़ जो दिल में उसे मैं खोलने आया।
बँधे थे बाल उसके तब तलक खामोश बैठा था,
खुली जुल्फें तो दिल का हाल उसको बोलने आया ।
निहारा शाम तक रस्ता, पलक झपकी न इक पल को,
बड़ी लंबी सी चिठ्ठी ले के घर फिर डाकिया आया । #maa#sharab#madhushala#sadquotes#chitthi#ShubhamKiKalamSe#dakiya