तेरी वोह घणी जुल्फो के साये में नुरानी चेहरा...और तेरी आंखे जैसे चाँद पे पेहरा...चाँद पे जैसे दाग वैसे हि तेरे होठो पे वोह काला तील है गहरा..जब कभी देखता हूं तुझे लगता है कि सुहानी रातो का कुछ अंदाज हो तुझंसे गहरा...और चाँद,तारे और आंसमानो का हो सिर्फ तुझंपे हो पेहरा... 🦋🦋🦋 -विशु..... तेरा वोह नुरानी चेहरा....