2मई2020 "तुम " साथ रहकर भी जिसे तुम पहचान नहीं पाए पूछ रहा है वो गुजरे हुए वक्त से इतना बड़ा धोखा क्यों दिया तुमने? सुनील गुप्ता केसला रोड सीतापुर तुम | कविता | सुनील गुप्ता