दृग मेरे जलतरी हैं दृष्टि ये जलधारा प्राण-प्राण रम रही, ओ माँ तुझे पुकारा! मेरी नैया में माँ अभिराम... ओ गंगा मैया! धीरे बहो मेरी नैया में चारों धाम... ओ गंगा मैया धीरे बहो! करूँ अनगिन प्रीति प्रणाम ओ गंगा मैया धीरे बहो! मेरी नैया में बचपन की ठाम ओ गंगा मैया धीरे बहो! #onlytoyou#eternity#currentsconcurrent#dedication#mummyandmaganga#vaccanteyes#floatingdreams#yqlove