बेखबर तुम थे या खबर हमें ही न थी, न जाने हवाओं ने रुख कब बदल दिया, वरना देख न सके जो सच्चाई के समंदर की लहरों को, नासमझ तुम थे या समझदारी हममें ही न थी। #daydreams #love 💓💓