कब्र के पास उड़ती हुई, राख को हवाओ मे देखा कुछ उम्मीद तो रह ही जाती है, पर शख्स की रंजिशें कुछ ऐसी कि बन कर राख हो जाओ या मिटकर, ए सवाल सिर्फ़ फ़िज़ाओं ने बताया AKHII.. Lucky A.V डॉ.अजय मिश्र pooja negi#