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हर कोई अपने नाव का पतवार हो चुका है खिवैया अब इस स

हर कोई अपने नाव का पतवार हो चुका है
खिवैया अब इस समय में बेरोजगार हो चुका है
एक समय में एक खेवइयां संभालता था नाव
विश्वास का क्रम कुछ इस कदर टूटा है कि
अपने सिवा कोई भी खेवाइए पर विश्वास नहीं करता
लोग हैं गुमान में अपने अभियान में
और खेवैया तटस्थ होकर सब को निहार रहा है
मगर मुस्कुराते चेहरे से
क्योंकि उसे पता है... 
नाव डगमगाए तो... अगर कोई शब्द उच्चारण होगा
वह है खेवैया.!!
संसार रूपी सागर में हिम्मत रूपी नाव दी गई है
तो इसे पार भी ऊपर वाला खेवईया ही लगाएगा
वह इंतजार करता है कोशिश से कामयाबी तक
और जहां मुश्किलें होती है वहां संभाल लेता है
 फिर से अपना पतवार.... बन बैठता है फिर से रोजगार
जिसका काम उसी को साजे.!!
: गुड़िया गुप्ता.

©Gudiya Gupta (kavyatri).....
  #खेवैया