अनजाने में हुई और अजनबी से हुई मुझे मेरी पहली मोहब्बत सादगी की मूरत से हुई दीवाना उसका मस्ताना उसका मैं बन बैठा दिल में उसकी चाहत का घर कर बैठा बड़ी कमाल की है उसकी हर अदा उसके नैनो के जाम में खुद को डुबो बैठा देख लेते हो खामोश नज़रों से, यही एहतराम काफी है। अभी मेरी पहली मुहब्बत का, कोई तो अंजाम बाकी है।। 👉आइए आज लिखते हैं, अपनी पहली मुहब्बत की बातें.... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #collabwithकाव्यपथिक