"श्याम की नीति" कृपया पूरी कहानी अनुशीर्षक मे पढ़े । रचना क्रमांक :-3 @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ "श्याम की नीति" एक बड़े शहर में एक बहुत छोटा आदमी रहता था, लेकिन था वह ईमान का बड़ा पक्का, चलाता था रिक्शा अपनी रोजी रोटी के लिए नाम था उसका श्याम। दिन में भी वह रिक्शा चलाता था और रात में रेलवे स्टेशन की बारह बजह वाली ट्रेन के मुसाफिर को अपनी मंजिल पर पहुंचा कर अपने घर चला जाता था। परिस्थिति उसकी बिल्कुल साधारण सी थी, मेहनत करके अपने बेटे का पढ़ाता था, लेकिन कभी किसी से बेमानी नहीं करता था।