ऐ दीप तू जलते रहना काली अंधियारी रातों में, बुझा ना पाए कोई भी तुझे तू अमर रहे हजारों में। ऐ दीप तू अडिग रहना आंधी आए या हो तूफान, कश्ती ना बहने पाए हो दिशाहीन , हो कितना भी सागर का उफान। ऐ दीप तू सजग रहना ना दे पलट बाजी ये रात, ऐ दीप तू होकर अमर पा सूरज सा ताप। ऐ दीप कर कुछ ऐसा की उपमा तुझसी ना हो कोई, ऐ दीप कर एक ऐसा शोर जागृत हो चेतना सोई। ऐ दीप प्रज्ज्वलित हो ऐसे जैसे आ गया हो जमीं पर रवि, ऐ माटी के चमत्कार हो रोशन तुझसे सभी। ऐ दीप तू अमावस्या में भी पूनम सा तेज ला, ना कोई राह रहे सुनी एक अमर कोई गीत सुना। ऐ दीप तेरे अमृत्व को जाने ना जाने ये जग सारा , तू रह सजग तू रह अडिग तुझसा बनना चाहे जग सारा। ऐ दीप मंगल गीत गा तू कुछ ओजस्वी सा सुर लड़ा, हो ना कोई भी आंख नम ऐ दीप जलकर खुद तू उजाला फैला। ©Consciously Unconscious #Diwali ऐ दीप!!!!!! कल दिवाली है मैं अपने भैया और दीदियों को एडवांस में विष कर रही हुं। दिवाली की शुभकामनाएं नोजोटो परिवार.. कल मिले तो मिलते हैं।।।। और stay blessed। Saurav life mysterious boy