सुना है मैंने कि झूठे है वो, मेरी तरह ही कई दफ़ा टूटे है वो, हवा से बिखरी हुई हैं ज़ुल्फ़ें उसकी, यूँ ही फ़िज़ा से नहीं रूठे है वो। - गिरीश राम आर्य: #girl #GirishAryah #fiza