इस भाग दौड़ भारी दुनिया में यू तो हर कोई भाग रहा कामयाबी के पीछे , कामयाबी के मंज़र में न जाने कैसे कैसे मोड़ आये हैं , क्यों इस सफर में चलते चलते अपना बचपना पीछे छूट रहा वो नादानियां ,नासमझी शरारते , माँ बाप की वो प्यार भरी मार , तो दोस्तो के साथ वो बिताये पल क्यों पीछे छूटते जा रहे इस सफर में चलते चलते क्यों खुद को ही पीछे छोड़ते जा रहे आज कुछ सपनों से दूर हैं तो कुछ अपनो से दूर हैं जिम्मेदारी के साथ साथ वो बचपना क्यों साथ नही चलता ज़िन्दगी बनाने के इस दौर में क्या वो मस्तियाँ साथ नही चल सकती , नाम बनाने के साथ साथ क्या वो बेतलक हँसी साथ नही चल सकती वो खुले आसमां में आज़ाद परिंदा , आज क्यों वक्त के साथ क्यों कैद होते जा रहा गमो के लिये तो आसानी से एक कोना ढूंढ लिया करते हैं खुशियो के लिये क्या अपने साथ नही चल सकते लोग मतलब से साथ चलते हैं लेकिन क्या कोई अपना सिद्दत से साथ नही चल सकता ? @ek_aavaj ©Deepali Bandewar #0911 #hindipoetry#hindiquote #thinking#inspirationalquotes#realityforlife#lifelove#writers#newthounghts#nojoto