तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात #किसके हिस्से वतन