नादान हिचकियाँ ★★★★★★★ बचपन में हम सब एक खेल खेलते थे हिचकियाँ रोकने पर अपनों के नाम मिलते थे अब भी आती है वही हिचकियाँ जिन अपनों के नाम पर रुके ये हिचकियाँ अब तो बस वो याद बाकी है हक़ीक़त की कुछ और ही खाखी है अब न वो हिम्मत है न ही वो विश्वास है गहरा की रुक जाए ये हिचकियों का सवेरा चंद पानी की घूँट की मोहताज़ ये हिचकियाँ बरी करती सब अपनों को ये नादान हिचकियाँ। #nammy27 #yqdidi #bestyqhindiquotes #हिचकियाँ #प्रेम_पर_चिंतन #yourquotedidi #you #me