मुक्तक तुम्हारी खुशी के लिए जी रहे हैं । दुनिया के गम को हम पी रहे हैं ।। बताते हैं हमको कातिल उन्हीं का, मुहब्बत के कातिल हम भी रहे हैं ।। *कवि कृष्ण कुमार सैनी"राज" दौसा,राजस्थान मो.97855-23855* pinki