बिखेर गए जो हर ओर अपनी निशानियां कोई तो ज़र्रा छोड़े होते हमें छुपने के लिए ऐसे क्यूं घोल गए खुद को हमारे रग में थोड़ा तो हमें छोड़े होते खुद से मिलने के लिए।। #reminiscence