जीवन मे जब भी काली अंधेरी रात छाई थे। सूर्य की हल्की किरण ने मेरे मन मे आस जगाई थी। मैंने उस किरण की सीढ़ी बनाई थी। मैं हर मुसिबत से निकल आई थी। किसी ने वो सीढ़ी उसकी जलन से जलाई थी। मेरी उम्मीदें गहरी खाई में गिराई थी। मैं वो चोट सह नही पाई थी। वो अंधियारी रात आज फिर याद आयी थी। ©Monika balli #Nature #dhukhkeandhere #aashakikiran