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उड़ना है उन्मुक्त गगन में उन्मुक्त पवन के संग पंछी

उड़ना है उन्मुक्त गगन में
उन्मुक्त पवन के संग
पंछी संग इक झुण्ड बना
उड़ना फैला के पंख

भोर भए मैं घर से निकलूं
लौटूं शाम मलंग
हौसला लिए परों में अपने
दिल में लिए उमंग

प्रकाश पुंज जैसे होके विवर्तित
बिखराता है रंग
नभ में छाती अजब लालिमा
हो जाता रंग-बिरंग

वैसे ही मैं निखरना चाहूँ
आसमान में बिखरना चाहूँ
लहरो सा मैं उमड़ना चाहूँ
बनकर एक तरंग

बन बूँद वाष्प मैं होना चाहूँ
मेघ ओढ़कर सोना चाहूँ
उन बादलों में विचरना चाहूँ
मैं बनाकर उनमे सुरंग

ये सपनों का संसार है मेरा
जीने का आधार है मेरा
ये स्वप्न करो साकार प्रभु
है तुमसे विनती विनम्र

#चौबेजी

©Choubey_Jii #चौबेजी #Nojoto #kavita #nojotohindi #Shayar #Shayari #poem #Hindi 

#mastmagan
उड़ना है उन्मुक्त गगन में
उन्मुक्त पवन के संग
पंछी संग इक झुण्ड बना
उड़ना फैला के पंख

भोर भए मैं घर से निकलूं
लौटूं शाम मलंग
हौसला लिए परों में अपने
दिल में लिए उमंग

प्रकाश पुंज जैसे होके विवर्तित
बिखराता है रंग
नभ में छाती अजब लालिमा
हो जाता रंग-बिरंग

वैसे ही मैं निखरना चाहूँ
आसमान में बिखरना चाहूँ
लहरो सा मैं उमड़ना चाहूँ
बनकर एक तरंग

बन बूँद वाष्प मैं होना चाहूँ
मेघ ओढ़कर सोना चाहूँ
उन बादलों में विचरना चाहूँ
मैं बनाकर उनमे सुरंग

ये सपनों का संसार है मेरा
जीने का आधार है मेरा
ये स्वप्न करो साकार प्रभु
है तुमसे विनती विनम्र

#चौबेजी

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choubeyjii6354

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