"वो बारिश का मौसम वो हम दोनों का संग," रिमझिम बरसात है भीगे जज्बात हैं एक छतरी में हम दोनों होती अब रात है । इन नजरों से मत देखो छोड़ो न तुम मेरा हाथ हो रही बरसात बाहर भीग रहे हम भीतर बारिश की बूँदो सँग जागे मन में अरमान टिप टिप बरसे पानी हम हो रहे एक जान । कैसी ये अगन लगी कैसी ये तपन बढ़ी धड़क धड़क जाये जिया कठिन परीक्षा की घड़ी । ख्वाबों की बारिश होने दो एक छतरी में खोने दो ये बरसात फिर कब बरसे एक दूजे के होने दो । #बरसात