Nojoto: Largest Storytelling Platform

White घृणा करो या प्यार जगत से, बोझ

White घृणा करो या प्यार जगत से,
               बोझे  बढ़ते  जाते  हैं। 
थोड़े में सन्तोष नहीं है, 
               लालच बढ़ते जाते हैं।। 
दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, 
               कैसे  अद्भुत  नाते  हैं।
भजन करो या बैर प्रभू से
               दोनों  मुक्ति   दाते  हैं।।

©Shiv Narayan Saxena #Ganesh_chaturthi दोनों मुक्ति दाते हैं. poetry in hindi
White घृणा करो या प्यार जगत से,
               बोझे  बढ़ते  जाते  हैं। 
थोड़े में सन्तोष नहीं है, 
               लालच बढ़ते जाते हैं।। 
दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, 
               कैसे  अद्भुत  नाते  हैं।
भजन करो या बैर प्रभू से
               दोनों  मुक्ति   दाते  हैं।।

©Shiv Narayan Saxena #Ganesh_chaturthi दोनों मुक्ति दाते हैं. poetry in hindi