सन्नाटे भी कुछ करती हैं, मैं बस यु ही कब से खङा हूँ जब रातो की नींद टूटी, रात जागते कुछ को देखा हूँ, हाँ रात भर सपना सब देखते हैं, मैंने चंद लोगो को काबिल पाया हैं, रातो की नींद छोङ वह सपने को सच करने को जागा हैं, मैंने बस चंद लोगो को ऐसा देखा हैं। ©Razzj D #Diwaarein #NojotWritingPrompt Hn sb sunti h