कुछ न लिख पाना जैसे दिन भर थकने के बाद आराम करने को घर का न मिल पाना लिखना आराम है स्वास है कुछ लोग होते है जिनकी धमनियों में रक्त के स्थान पर कविताएं प्रवाहित होती है कुछ न लिख पाना जैसे समुन्द्र में उठती लेहरो का शांत न हों पाना कुछ लोग होते है जो दूर से बिलकुल समुद्र से शांत लगते है पर उनके मन के केंद्र में उठती लेहरो का अनुमान हमें नहीं होता कुछ न लिख पाना जैसे प्यास लगने पर पानी का न मिल पाना....... राखी राज #कुछ न लिख पाना