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शख़्स सब के साथ जो है, कौन है ? तन्हाई के आईने में

शख़्स सब के साथ जो है, कौन है ? 
तन्हाई के आईने में जो है, कौन है ?

साथ निभाने के वादे थे हज़ारों, 
फिर छोड़ कर जा रहा है, कौन है ?

पीछे पीछे आया करता था कभी,
पीछा छुड़ा रहा है, कौन है ?

लोग कहते हैं वो खामोश है बहुत, 
अन्दर जो चीख़ रहा है, कौन है ?

यूँ तो भूल जाता हूँ सब कुछ ही अक्सर, 
जो निकलता नहीं ज़हन से कभी, कौन है ?

पत्थर था, मोम हुआ फिर पत्थर हो गया, 
ये मुझमें जो इतना बदल रहा है, कौन है ?

©Prashant Shakun "कातिब"
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