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ख़ास पल सब दूर थे होली-दीवाली-गर्मियों की छुट्टी ले

ख़ास पल सब दूर थे
होली-दीवाली-गर्मियों की छुट्टी
लेकिन सब साथ रहते
पल ख़ास रहते
साथ बैठ भोजन तो करते थे
ख़याल करते थे
एक दूसरे का
आज सब पास हैं
पर कुछ ख़ास नही है।
कुछ शहर हुए हैं
कुछ खेतों की पगडंडी से
नज़दीक है
मेल नहीं
बस सूरतें एक है
चेहरे पर हरी घांस है
और कुरेदोगे तो मिट्टी ही है
उर्वरता नहीं।

@कुमार किशन #khaspal#नोजोटो
ख़ास पल सब दूर थे
होली-दीवाली-गर्मियों की छुट्टी
लेकिन सब साथ रहते
पल ख़ास रहते
साथ बैठ भोजन तो करते थे
ख़याल करते थे
एक दूसरे का
आज सब पास हैं
पर कुछ ख़ास नही है।
कुछ शहर हुए हैं
कुछ खेतों की पगडंडी से
नज़दीक है
मेल नहीं
बस सूरतें एक है
चेहरे पर हरी घांस है
और कुरेदोगे तो मिट्टी ही है
उर्वरता नहीं।

@कुमार किशन #khaspal#नोजोटो