में चांद तू चांदनी मेरी में राग तू रागिनी मेरी। तू तरवर शीतल सी मुझमें में सागर तू नदिया मेरी ।। एक शबनम का कतरा है तू में सुबह सा हूं तुझमें । शाम का तू दिलकश नजारा में एक ठंडी रात हूं तुझमें ।। दिल ये तेरा दुनिया मेरी में जिंदा सा ख्वाब हूं तुझमें । धड़कन मेरी बनी हुई है जेसे में हूं सांसे तुझमें ।। **रूद्र** तुझमें