ख़्वाहिश तो बहुत है बेख्वाहिश न बन जाऊं एक ज़िस्म के मक़बरे की नुमाईश न बन जाऊं मेरे हूनर को तोड़ मरोड़कर पेश करें ये दुनिया इस तरह की मैं कोई फ़रमाईश न बन जाऊ ©दक्ष आर्यन farmaish #Books