हम तुम सारा दिन बिताते थे एक साथ बातों के वो मौसम फिर क्यों नही आते जानता हूँ हम तुम में है करीबी बहुत दिल की बेकरारी रोक क्यों नही पाते।। साथ साथ गुजरे पल आते हैं नजर यादों में दिन गुजर क्यों नही पाते मोहब्बत में अक्स आता है नजर अक्स से बात कर क्यों नही पाते अब तो वक़्त भी बेबस सा लगता है वक़्त में बेसबब तुम क्यों नही आते इंतजार में तुम्हारे बढ़ती है धड़कन धड़कन को थामने क्यों नही आते रातों के ख्वाबों में पुकारा है तुम्हें आकर आगोश में क्यों नही समाते बेदर्द दुनिया के हवाले किया हुआ है तुम मेरी दुनिया समझ क्यों नही जाते ~ #कपिल_राही #तुम्हारी_याद