एक अकेला ही चल पड़ा है कर्तव्य पथ पर । अंगारों भरी है राहें, और छूना है अंम्बर।। अडिग,अटल,आत्मविश्वास से भरा है सफर। न रूके, न थके, सिर्फ़ लक्ष्य पर है नजर।। साहस,दृढनिश्चय,पूर्वानुमान,का है अदभुत संग्रह। जनता की सेवा ,देश की सुरक्षा की हरपल रखे फिकर।। मित्रों का मित्र , नाम से दुश्मन देश कांपे थर- थर। बड़े-बड़े मसले सुलझाए, पसीने आ जाते थे जिसे सोचकर।। आक्रमण ही सुरक्षा का मंत्र है, बताया घर में आक्रमण कर। दुश्मन देश के सपनो में भी याद आए रात भर।। विश्व पटल पर मान बढा, दुनिया गाए गुणगान अमर। हमें आप पर नाज है, बने रहो तुम अजर -अमर।। *****कुमार मनोज (नवीन) ***** #our Prime Minister modi ji#