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जाति है कि अब जाती नहीं! पता नहीं कैसी ये जाति है!

जाति है कि अब जाती नहीं!
पता नहीं कैसी ये जाति है!!
जन्म के साथ यह आती है!
मरने पर भी ये नहीं जाती है!
पढ़ा इतिहास जब मैंने महापुरषों का,
जातियों का जिक्र हर जगह आती है!!
जाति----------------------------!!
जाति ही छूत है,जाति ही अछूत है!
जाति ही कुपूत है,जाति ही सुपूत है!
कुछ जातियों का माथा देखा मैंने,
लगा तिलक, चन्दन और भभूत है!!
उन्हें देख और जाति खुद शरमाती है!!
जाति -------------------------------------!!
जाति नहीं तो कुछ भी नही!
जाति नहीं तो पूछ भी नहीं!
जाति जब खत्म हो जाये,
होगा किसी की अब लूट नहीं!!
जाति ही सबको खूब लड़वाती है!!
जाति----------------------------!!
जाति ही तो सबको है जन्माती!
जाति ही तो खुद पर है इठलाती!
जाति ही तो सारी दुनिया  में,
नफरत की ज्वाला है भड़काती!!
जाति ही सबकी सरकार बनवाती है!!
जाति----------------------------!!
जाति ही पुजारी है,जाति ही भिखारी है!
जाति ही जात का बना अब शिकारी है!
गांव व शहरों के जातियों को देखो तुम,
वह बना जन्मजात सफाई कर्मचारी है!!
जाति ही जीने का आधार बन जाती है!!
जाति-----------------------------!!
जाति अब फैलाती उन्माद है!
जाति-जाति में फैला विवाद है!
फिर भी बडे नेता लोग ढूंढते हैं,
दूसरे जातियों में अपना दमाद हैं!
फिर भी कभी नहीं शर्म उन्हें आती है!
जाति------------------------------!!
मिला आरक्षण कुछ जातियों का छूट है!
जातियों में जाति का हुआ अब लूट है!
जाति-जाति करते यहां के सब नेता लोग,
इंशानों में डाला अब बहुत बड़ा फुट है!
जाति पर ही तो सरकार बन जाती है!!
जाति------------------------------!!
जाति रहबर है,जाति ही कहर है!
इंशानों में फैला जाति का जहर है!
"राजेश"फेंकों तुम जातियों का चश्मा,
जातियों में बंट गया गांव औऱ शहर है!
जाति ही सबको बहुत तड़पाती है!!
जाति है कि अब जाती नहीं!!
पता नहीं कैसी ये जाति है!!
         Tr-राजेश कुमार
सेमरी (देव),करगहर,रोहतास ###जाति###
जाति है कि अब जाती नहीं!
पता नहीं कैसी ये जाति है!!
जन्म के साथ यह आती है!
मरने पर भी ये नहीं जाती है!
पढ़ा इतिहास जब मैंने महापुरषों का,
जातियों का जिक्र हर जगह आती है!!
जाति----------------------------!!
जाति ही छूत है,जाति ही अछूत है!
जाति ही कुपूत है,जाति ही सुपूत है!
कुछ जातियों का माथा देखा मैंने,
लगा तिलक, चन्दन और भभूत है!!
उन्हें देख और जाति खुद शरमाती है!!
जाति -------------------------------------!!
जाति नहीं तो कुछ भी नही!
जाति नहीं तो पूछ भी नहीं!
जाति जब खत्म हो जाये,
होगा किसी की अब लूट नहीं!!
जाति ही सबको खूब लड़वाती है!!
जाति----------------------------!!
जाति ही तो सबको है जन्माती!
जाति ही तो खुद पर है इठलाती!
जाति ही तो सारी दुनिया  में,
नफरत की ज्वाला है भड़काती!!
जाति ही सबकी सरकार बनवाती है!!
जाति----------------------------!!
जाति ही पुजारी है,जाति ही भिखारी है!
जाति ही जात का बना अब शिकारी है!
गांव व शहरों के जातियों को देखो तुम,
वह बना जन्मजात सफाई कर्मचारी है!!
जाति ही जीने का आधार बन जाती है!!
जाति-----------------------------!!
जाति अब फैलाती उन्माद है!
जाति-जाति में फैला विवाद है!
फिर भी बडे नेता लोग ढूंढते हैं,
दूसरे जातियों में अपना दमाद हैं!
फिर भी कभी नहीं शर्म उन्हें आती है!
जाति------------------------------!!
मिला आरक्षण कुछ जातियों का छूट है!
जातियों में जाति का हुआ अब लूट है!
जाति-जाति करते यहां के सब नेता लोग,
इंशानों में डाला अब बहुत बड़ा फुट है!
जाति पर ही तो सरकार बन जाती है!!
जाति------------------------------!!
जाति रहबर है,जाति ही कहर है!
इंशानों में फैला जाति का जहर है!
"राजेश"फेंकों तुम जातियों का चश्मा,
जातियों में बंट गया गांव औऱ शहर है!
जाति ही सबको बहुत तड़पाती है!!
जाति है कि अब जाती नहीं!!
पता नहीं कैसी ये जाति है!!
         Tr-राजेश कुमार
सेमरी (देव),करगहर,रोहतास ###जाति###
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