रोज सोचते हैं चलो चलते हैं जो होगा देखा जायेगा फिर जो होता हैं वो मुझसे देखा नहीं जाता हम हमेसा खुश होने की वजह डूनते हैं पर ये ज़िंदगी भी मुझे रुलाने पर तुली हैं मुझे अब लगता हैं ये तकलीफे भी मेरे उम्र से बड़ी हैं ©manshisingh@gmail.com #sadak