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सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह। जन्म-ज

सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह।
  जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।।
 डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है।
 उग जाने रोटियों में देखिये ज़ोर-आजमाईश है।।
 सब्ज़ियों का रोटियों से मुहब्बत मुमकिन नहीं।
 दूर रहती हैं ये जैसे साथ चीनी नमकीन नहीं।।

©Bharat Bhushan pathak सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह।
जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।।
डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है।
उग जाने रोटियों में देखिये ज़ोर-आजमाईश है।।
सब्ज़ियों का रोटियों से मुहब्बत मुमकिन नहीं।
दूर रहती हैं ये जैसे साथ चीनी नमकीन नहीं।।  comedy shayari jabardasth comedy strangepoetry comedy movie
सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह।
  जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।।
 डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है।
 उग जाने रोटियों में देखिये ज़ोर-आजमाईश है।।
 सब्ज़ियों का रोटियों से मुहब्बत मुमकिन नहीं।
 दूर रहती हैं ये जैसे साथ चीनी नमकीन नहीं।।

©Bharat Bhushan pathak सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह।
जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।।
डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है।
उग जाने रोटियों में देखिये ज़ोर-आजमाईश है।।
सब्ज़ियों का रोटियों से मुहब्बत मुमकिन नहीं।
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