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लोकहित में उठी आवाज़ को झुठलाया नहीं जा सकता , असह

लोकहित में उठी आवाज़ को झुठलाया नहीं जा सकता ,
असहिष्णुता को मजहब ठहराया नहीं जा सकता,
जहां अनुराग पलता हो दूजा नहीं जाता,
यह सर्वधर्म समभाव की धरती है,
यहां राष्ट्रवाद थोपा नहीं जाता।
 #आकिब सईद
लोकहित में उठी आवाज़ को झुठलाया नहीं जा सकता ,
असहिष्णुता को मजहब ठहराया नहीं जा सकता,
जहां अनुराग पलता हो दूजा नहीं जाता,
यह सर्वधर्म समभाव की धरती है,
यहां राष्ट्रवाद थोपा नहीं जाता।
 #आकिब सईद