लोकहित में उठी आवाज़ को झुठलाया नहीं जा सकता , असहिष्णुता को मजहब ठहराया नहीं जा सकता, जहां अनुराग पलता हो दूजा नहीं जाता, यह सर्वधर्म समभाव की धरती है, यहां राष्ट्रवाद थोपा नहीं जाता। #आकिब सईद