#बेटियां घर की शान हैं.... पूज़े कईं देवता मैने तब तुमक़ो था पाया क्यों कहते हो फिर बेटी क़ो धन हैं पराया.... यह तो हैं माँ क़ी ममता क़ी है छाया ज्यों नारी क़े मन आत्मा व शरीर मे हैं समाया.... मै पूछ़ता हुँ उ़न हत्यारें लोगो से क्यो तुम्हारें मन मे यह जहर हैं समाया बेटी तों हैं माँ क़ा ही साया क्यो अब तक कोईं समझ न पाया.... क्यों नहीं सुनाईं देती तुम्हें उस अज़न्मी बेटी क़ी आवाज ज्यों क़राह रहीं तुम्हारें ही अन्दर बार-बार मत छीनों उसके जीने का अधिकार आने दो उसको भी जग में लेने दो आक़ार.... भ्रूणहत्या तो ब्रह्म हत्या होतीं हैं उसकी भी कानूनी सज़ा होती हैं यहाँ नहीं तो वहाँ देना ही होगा पुरा तुम्हें हिसाब़ जुड़ेगा यह भी तुम्हारें पापो के साथ.... अज़न्मी बेटी की सुन लो पुकार माता ने की हैं उसके जीवन की गुहार तब मिल बैठ सबने किया विचार के आने दो बेटी को भी जीवन में लेकर नया आकार.... सभीं ज्योतिषो ने भी यह बतलाया हैं बेटी को ही भाग्य का पिटारा बनवाया हैं यह बेटीयां करेगी परिवार का रक्षण दे दो अब से बेटीयों के भ्रूण को भी आरक्षण.... @शब्दभेदी किशोर ©शब्दवेडा किशोर #बेटी_तो_आखिर_बेटी_होती_है