अंबर अश्रु बरसा रहा,धरती रही पुकार। हरि तेरे संसार में, ऐसा हाहाकार।। लाशों से मसान पटा,काल रहा ललकार। हर ओर करुण वेदना,मनुज रहा चीत्कार। #दोहा_मन