ऐ मेरी मल्लिका-ए-हुस्न, मुझे तू उल्फ़त का जाम दे दे, हसीन तो मिलते हैं कई राह-ए-ज़िंदगी में, मगर, तुझे ही चाहूँ उम्रभर मैं, ऐसा मुझे कोई पैगाम दे दे !! हर दिन हो होली और हर रात दिवाली हो, यूँ मेरे दामन में तू अपनी सुबहो-शाम दे दे !! गुमनाम हो जाऊँ तेरी दीवानगी में एक दिन मैं, मुझे तू ऐसे ही सच्चे आशिक का नाम दे दे !! मिसाल रह जाए तेरी-मेरी मोहब्बत की अरसों तक, ऐसी यादगार अफ़्साना-ए-उल्फ़त को तू अंजाम दे दे !! सजा दूँ तेरे गुलिस्ताँ को खुशियों से मैं, चाहे क्यूँ न मुझे तू ग़मभरी सौगातें तमाम दे दे !! ऐ मेरी मल्लिका-ए-हुस्न, मुझे तू उल्फ़त का जाम दे दे !! ~सचिन अ. पाण्डेय 'सत्यवीर' #NojotoQuote Love #lovequote #sadshayari #sadpoem #lovepoetry #sachinpoetry #heartypoetry #emotionalpoetry