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अपना साथ वहाँ तक नहीं हुआ ............ उस को मिर

अपना साथ वहाँ तक नहीं हुआ ............ 

उस को मिरी तड़प का गुमाँ तक नहीं हुआ 
मैं इस तरह जला कि धुआँ तक नहीं हुआ 

ये चाहते थे मौत ही हम को जुदा करे 
अफ़्सोस अपना साथ वहाँ तक नहीं हुआ 

तुम ने तो अपने दर्द के क़िस्से बना लिए 
हम से तो अपना दर्द बयाँ तक नहीं हुआ 

हैरत है वो भी शहर बसाने की ज़िद में है 
ता'मीर जिस से अपना मकाँ तक नहीं हुआ 

तस्वीर तेरी लफ़्ज़ों से बन सकती थी मगर 
हम से ही तेरा ज़िक्र यहाँ तक नहीं हुआ ...

©Lalit Saxena
  #बेबफई
#दर्द के रिश्ते
#गुमनाम