मामूली सी हवा के झोके से बुझ जाए वो आग तो नही दिल मेरा दिल ही है कोई जलता चिराग तो नहीं। इक नया रोग सा चढ़ा है लोगो मे रिश्ता मिटाने का अरे ये रिश्ते है कोई कपड़े मे लगे दाग तो नहीं। और न जाने कहाँ खो गए हैं शहर के भँवरे सारे जरा पता तो करो यहाँ कोई फूलो का बाग तो नही। लोग इस सोच मे डूबे है कि चला गया वो मुझे छोड़कर अरे छोड़ो तुमने जो देखा है ये वो ख्वाब तो नहीं। और क्यूँ खफा है तू उस एक के न मिलने से फिर कुछ माग लेना खुदा से ये कोई तेरी आखिरी माग तो नही। दिल मेरा दिल ही है.....।। #दिल_मेरा_दिल_ही_है #love_break_sad_poem❣😋😎